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Hampi Introduction | हंपी प्रस्तावना

Hampi Introduction  | हंपी प्रस्तावना बचपन में तेनालीराम और राजा कृष्णदेव राय की कहानियां बहुत से लोगों ने पड़े हैं | आज हम आपके लिए लाए हैं उन्हीं कहानियों का शहर 'विजय नगर' उसके इतिहास को समझना बेहद जरूरी है |  देश की संस्कृति को जानने के लिए उसके इतिहास को समझना बेहद जरूरी है । भारत में समय-समय पर कई साम्राज्य स्थापित हुए, जिनके वक्त में कला और संस्कृति में नए आयाम जुड़ते गए , वक्त के साथ कई साम्राज्य ने इतिहास के पन्नों में अपनी जगह बनाई । इनमें से कुछ केवल कहानियां बनकर रह गए तो कुछ ऐसे भी साम्राज्य हैं जिनकी संबद्धता और कला कौशल की यादगार खंडर है । जो समय के थपेड़े सह कर भी अपनी धरोहर संजोए हुए हैं ।  इन्हीं में से एक है 'विजय नगर' की यह खंडार जो करीब 600 साल पुराने गुजरे वक्त का वैभव बयां करते हैं । विश्व विरासत स्थल में शुमार हंपी में मौजूद विजयनगर साम्राज्य के खंडार बताते हैं कि अपने गौरवशाली अतीत में यहां कलाकारों ने वास्तु कला, चित्रकला और मूर्तिकला की नायाब शैली को विकसित किया । हंपी में घूमते हुए कई बार लगता है कि हम मध्य काल के इतिहास के बीच मे

Hospet | होस्पेट

होस्पेट शहर 1520 ईसवी में विजयनगर के प्रमुख शासकों में से एक कृष्णदेव राय द्वारा बनाया गया था। उन्होंने अपनी माँ नगलाम्बिका के सम्मान में शहर का निर्माण किया। शहर का नाम मूल रूप से नागालपुरा था; हालांकि, लोगों ने शहर को होसा पीट के रूप में संदर्भित किया, जिसका अर्थ "न्यू सिटी" था। हम्पी और होसपेट के बीच के क्षेत्र को अभी भी नागालपुरा कहा जाता है। यह पश्चिमी तट से आने वाले यात्रियों के लिए विजयनगर शहर का मुख्य प्रवेश द्वार था। इस क्षेत्र के वर्तमान विधायक आनंद सिंह हैं। सरकार ने अक्टूबर 2014 में शहर का नाम बदलने के अनुरोध को मंजूरी दे दी, और 1 नवंबर 2014 को होसपेट का नाम बदलकर "होसपेट" कर दिया गया। अगर आप होस्पेट से हंपी जाना चाहते हो तो यहां क्लिक करे...