Hampi Introduction | हंपी प्रस्तावना
बचपन में तेनालीराम और राजा कृष्णदेव राय की कहानियां बहुत से लोगों ने पड़े हैं | आज हम आपके लिए लाए हैं उन्हीं कहानियों का शहर 'विजय नगर' उसके इतिहास को समझना बेहद जरूरी है |
देश की संस्कृति को जानने के लिए उसके इतिहास को समझना बेहद जरूरी है । भारत में समय-समय पर कई साम्राज्य स्थापित हुए, जिनके वक्त में कला और संस्कृति में नए आयाम जुड़ते गए , वक्त के साथ कई साम्राज्य ने इतिहास के पन्नों में अपनी जगह बनाई । इनमें से कुछ केवल कहानियां बनकर रह गए तो कुछ ऐसे भी साम्राज्य हैं जिनकी संबद्धता और कला कौशल की यादगार खंडर है । जो समय के थपेड़े सह कर भी अपनी धरोहर संजोए हुए हैं ।
इन्हीं में से एक है 'विजय नगर' की यह खंडार जो करीब 600 साल पुराने गुजरे वक्त का वैभव बयां करते हैं । विश्व विरासत स्थल में शुमार हंपी में मौजूद विजयनगर साम्राज्य के खंडार बताते हैं कि अपने गौरवशाली अतीत में यहां कलाकारों ने वास्तु कला, चित्रकला और मूर्तिकला की नायाब शैली को विकसित किया । हंपी में घूमते हुए कई बार लगता है कि हम मध्य काल के इतिहास के बीच में है । इन्हें देखने से लगता है कि एक वक्त में यहां समिति 40 सभ्यता निवास करती होगी । यहां आकर महसूस होता है कि प्राचीन भारत का हिस्सा कितना अच्छा रहा होगा । विदेशी आक्रमनकर्तां ओं में ईस भव्यता को किस कदर नेस्तनाबूद किया होगा । हंपी में यह दोनों ही नजारे साथ साथ देखने को मिलते हैं । हंपी में आपको मंदिरों में जो कलाकारी दिखेगी पुरातन काल में भारतीय कलाकारों की असीमित प्रतिभा और रचनात्मक शक्ति का गवाह है ।
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