पिंपल के पेड़ की पूजा शनिवार को ही क्यों की जाती है? | Why is the Pimpal tree worshiped only on Saturdays? |
Pimpal Tree | पिंंपळ झाड |
भारतीय संस्कृति में पिंपल के पेड़ को देवता का पेड़ माना जाता है। पिंपल का पेड़ भारतीय हिंदू संस्कृति में प्राचीन काल से ही पूजनीय रहा है।
भारतीय संस्कृति में दाना वृक्ष को भगवान का वृक्ष माना जाता है। पिंपल का पेड़ भारतीय हिंदू संस्कृति में प्राचीन काल से ही पूजनीय रहा है। ऐसा माना जाता है कि पिंपल के पेड़ की पूजा करने से लंबी उम्र और समृद्धि आती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शनिवार के दिन पिंपल के पेड़ का विज्ञान में विशेष महत्व क्यों है?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शनिवार के दिन पिंपल के पेड़ की पूजा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। इस दिन पिंपल की पूजा करने और इस पेड़ की सात परिक्रमा करने से शनि की पीड़ा दूर होती है। आयुर्वेद में पिंपल के पेड़ को औषधीय गुणों से भरपूर बताया गया है।
शनि की अमावस्या के दिन दाना वृक्ष की पूजा करने से शनि के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिलती है। श्रावण मास में अमावस्या के बाद शनिवार को पिंपल के पेड़ के नीचे हनुमान जी की पूजा करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। पिंपल का पेड़ ब्रह्मस्थान है और यह सात्विकता को बढ़ाता है। इसलिए शनिवार के दिन पिंपल के पेड़ की पूजा करनी चाहिए।
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