Skip to main content

Hampi - पुरंदर मंडप

पुरंदर मंडप

                           करीब 1540 ई. सवी सन के समय में पुरंदर दास जी विजयनगर साम्राज्य में रहते थे । वे अपने कन्नड भक्ती गीतों से भक्ति प्रचार के काम में लग गए थे । ईसके नाम के मंडप भी तुंगभद्रा के किनारे पर प्रशांत वातावरण में है । बरसात में बाढ़ आने से यह मंडप डूब गए तो मंडप को किसी भी तरह हानि से बचाने के लिए सौकदों खंबों से निर्मित हुआ है मंडप में पुरंदर दास का विग्रह है । यहां प्रशांत वातावरण भी है और देखने लायक श्रेष्ठ प्रकृति सौंदर्य भी है । इस मंडप के पास ही विजय नगर के राजाओं के जमाने में विजयनगर से आनेगुंदी तक निर्माण किया हुआ पुल के अवशेष देख सकते हैं ।

Comments