यंत्रोध्दारक हनुमंत मंदीर
यंत्रोध्दारक हनुमंत का देवालय कोदंडा राम मंदिर के पीछे, कुछ लंबाई पर है । यहां हनुमान की मूर्ति है । मालूम होता है कि इस मूर्ति को व्यास राय ने श्री कृष्ण के जमाने में प्रतिस्थापित किया है । इस देवालय के समीप में ही अनंत शयन और रंगनाथ का मंदिर है । कोदंड राम मंदिर को देखकर आगे थोड़ी दूर चलकर दाई और शिथील हुआ गोपुर, एक देवालय भी दिखता है । वह ही अच्युतराय का मंदिर है । इस मंदिर के सामने कतारों में मंडप है । मालूम हो गया है कि इसी जगह में हीरा और मोती का व्यापार चलता था । इसको सुले बाजार कह कर पुकारते थे । यह नाम कैसे पड़ा कारण तो मालूम नहीं । मंदिर के सामने रथविदी है । आजकल इस जगह पर खेती काम हो रहा है।
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